यह तो फ़रमाइये हम आपका क्या लेते हैं?
आप बेवजह जो हमसे मुँह छिपा लेते हैं॥
-तन्हाँ
देखिये अब न याद आइये आप।
आज कल आपसे खफा हूँ मैं॥
-नसरीन
भुला बैठे हमको आज, लेकिन ये समझ लेना।
बहुत पछताओगे, जिस वक्त कल हम याद आयेंगे॥
-अख्तर शीरानी
तेरी यादें आज तुझको सौंप दी।
मैं अमानत ग़ैर की रखता नहीं॥
-साजन पेशावरी
खूब परदा है कि चिलमन में लगे बैठे हैं।
साफ़ छिपते भी नहीं, सामने आते भी नहीं॥
-दाग देहलवी
कहता है अक्स हुस्न को रुसवा न कीजिये।
हर वक्त आप आईना देखा न कीजिये॥
-रियाज खैराबादी
दिल की धड़कन, ये बेकली, ये लरज़ती सांसें।
मेरे खयाल में रह-रह के आ रहा है कोई॥
-जिगर श्योपुरी
तुम हमारे किसी तरह न हुए!
वरना दुनिया में क्या नहीं होता?
-मोमिन खां मोमिन
नहीं शिकवा मुझे कुछ तेरी बेवफाई का हरगिज।
गिला तब हो अगर तूने किसी से भी निभाई हो॥
-अज्ञात
तुझको खबर नहीं, मगर इस साद लौह को।
बर्बाद कर दिया तेरे दो दिन के प्यार ने॥
-साहिर लुधियानवी
उनका अक्सर यकीन करता हूँ।
जिनकी बातों पे शक गुजरता है॥
-महेशचंद्र नक्श
तुम न आओगे तो मरने की हैं, सौ तदबीरें।
मौत कुछ तुम तो नहीं हो, कि बुला भी न सकूँ॥
-ग़ालिब